जीवन में संघर्ष की सच्ची कहानी | Real Life Struggle Story In Hindi

जीवन में संघर्ष की सच्ची कहानी | Real Life Struggle Story In Hindi

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संघर्ष की सच्ची कहानी: प्राचीन समय की बात है, एक शहर में एक व्यक्ति रहता था। जिसका नाम चंदन था। वह अपनी पत्नी और दो लड़का और दो लड़की के साथ रहता था, और वह किसी छोटे-मोटे प्लांट में काम किया करता था। चन्दन और उसकी पत्नी खुशी-खुशी अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे। समय का चक्र बीत रहा था, और उनके लड़का लड़की बड़े होते जा रहे थे। जब उसकी बड़ी बेटी कक्षा 5 में पढ़ रही थी। तभी एक दिन स्कूल की छुट्टी के समय जब वह लड़की सीढ़ियों से नीचे उतर रही थी, तभी पीछे से किसी लड़की से धक्के लगाने पर वह सीढ़ी से नीचे गिर गई, जिसके कारण उसके पैर में चोट आ गई। जब लड़की घर पर लंगरती हुई आई तो उसके पिता ने पूछा: क्या हुआ ? तभी लड़की ने उन्हें पूरी बात बताइए। पिता ने सोचा छोटी मोटी चोट है, और यह सोचकर उसने अपनी बेटी से कहा कि इसे गर्म पानी से सेंक लो ठीक हो जायेगा। कुछ दिन बीतने के बाद लड़की का पैर फूलने लगा और उसे चलने में दिक्कत होने लगी। तभी उसके पिता ने कुछ लोगों की बातें  सुनकर किसी एक ओझा को ले आए, जबकि उसे कुछ नहीं आता था, और वह पैर ठीक नहीं कर पाया। कुछ समय बीतने के बाद, जब उसकी लड़की की हालत और ज्यादा खराब होती जा रही थी।

 एक दिन जब उसके पिता अकेले कहीं बैठे हुए थे, तो वह मन ही मन सोच रहे थे कि क्या करें ? तभी सोचते सोचते उनके दिमाग में आया, क्यों ना डॉक्टर से  दिखाया जाए। तभी दूसरे दिन वह अपनी लड़की को लेकर वहीं पास के अस्पताल में जाते हैं। डॉक्टर जब लड़की को देखता है, तो लड़की के पिता से कहता है कि जल्द ही इसका ऑपरेशन करना होगा, क्योंकि इस लड़की के पैर में एक बहुता बड़ा घाव हो चुका है। जिसके कारण लड़की का पैर भी काटना पड़ सकता है। पिता डॉक्टर से पूछता है, कि ऑपरेशन में  कितने पैसे लगेंगे ? तभी डॉक्टर कहता हैं, 40000 रु. लगेंगे।  पिता घबरा जाता है, लेकिन पैसे की तलाश में इधर से उधर जाने लगता है। इधर उधर भाग दौड़ करने के बाद पैसे की व्यवस्था कर लेता है, और लड़की का ऑपरेशन हो जाता है। ऑपरेशन के बाद लड़की अपने घर आ जाती है, परन्तु लड़की के पैर में कुछ सुधार ना होने के कारण, पिता चिंतित रहने लगता है। इसी तरह 4 साल बीत जाता है तथा पैर में लाख-लाख रुपए लगाने के बाद भी लड़की का पैर ठीक नहीं होता है। जिस कारण से पूरा परिवार दुखी रहने लगता है। कुछ समय बीतने के बाद लड़की का विवाह हो गया, और लड़की के जीवन में खुशहाली आ गई।

पिता सोचता है कि अब सब कुछ ठीक हो गया है , संघर्षो का दौड़ खत्म हो गया।  परंतु किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। एक दिन जब वह बाजार जा रहा था, तभी पीछे से किसी ट्रक के द्वारा उसका एक्सीडेंट हो गया, जिसके कारण उसके सर में गम्भीर चोट आई। चन्दन 1 महीने तक बिस्तर पर ही रहा, 1 महीने के बाद ठीक होने पर वह सोचा कि अब सब कुछ ठीक हो जाएगा। तभी उसकी पत्नी  का स्वास्थ्य खराब होने लगा, और वह बीमार पड़ गई। यहां वहां छोटे डॉक्टरों को दिखाने के बाद तबीयत और बिगड़ गई। जिसके कारण उन्हें वाराणसी के बीएचयू अस्पताल में ले जाना पड़ा। वहां जाकर पता चला की उसकी पत्नी के पेट में गंभीर बीमारी हो गयी है, परन्तु चन्दन को यह विश्वास था की उसको पत्नी ठीक हो जाएगी। और चंदन इसी विश्वास के साथ अपनी पत्नी को हमेशा वाराणसी के अस्पताल में ले जाने लगा। कुछ समय बीतने के बाद पत्नी के तबीयत में सुधार आने लगी। चंदन सोचा कि अब सब कुछ ठीक हो जाएगा, एक बार जब वह अपनी पत्नी को वाराणसी  के अस्पताल में ले गया, डॉक्टर ने सभी रिपोर्टों को देखते हुए कहा: "सब कुछ ठीक है।" चंदन बहुत ही खुश हुआ, और वह अपने  पत्नी के साथ अपने  शहर वापस आ गया।

अगली सुबह सब कुछ ठीक था। चंदन का बड़ा और छोटा बेटा दोनों स्कूल चले गए, और चंदन अपने काम पर चला गया। बड़ा बेटा  स्कूल में सोच रहा था, कि चलकर मां से कुछ बातें करेंगे, तभी 11:00 बजे उसका मित्र आता है, और कहता है कि चलो तुम्हारी मां की तबीयत खराब हो गई है। बड़ा बेटा दौड़ता हुआ अपने घर की तरफ आता है, तब तक बहुत देर हो गयी होती है, उसकी मां की मृत्यु हो चुकी होती है। बेटा मां को देखते ही फूट-फूट कर रोने लगता है, और वह अपनी मां का अंतिम संस्कार करता है। 1 साल तक पूरा परिवार दुखी ही रहता है, कुछ समय बीतने के बाद दुखों के बादल छट जाते है, और चंदन अपने लड़का और लड़की के साथ   सुखमय जीवन बिताने लगता है। आज उसका परिवार खुश-खुशी जीवन जी रहा है। दोस्तों जीवन में सुख और दुःख दिन और रात की तरह होते हैं, जो कभी स्थाई नहीं रहते। इसलिए दुःख के समय में कभी हिम्मत नहीं हारना चाहिए, तथा सुख के समय कभी अहंकार नहीं करना चाहिए। इसीलिए कहा गया है:


जीवन का दूसरा नाम संघर्ष है।

✍️ डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम के प्रेरणादायक जीवन की कहानी

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18 Comments

  1. सफलता तभी मिलती है, जब संबंधित कार्य आपके लिए सबसे जरूरी हो जाए और आप उसे अपना सौ प्रतिशत दें।

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  2. Your story teach us how we can keep our thoughts positive in difficulties with patience and when God give us health and wealth and everything about which can not assume that time we have to thank god and be kind...

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  3. bahut hi achhi kahani hai dost yese hi kahani motivate karne wali ham successpeoplestory.com pe bhi padhte hai ye site bhi book maark kar di hai yese hi likhte raho |

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